आज अरुण योगीराज(Arun Yogiraj) की भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है।
अरुण योगीराज भारत के एक प्रसिद्ध मूर्तिकार हैं, जिनकी मूर्तिकला के बहुत सारे लोग दीवाने हैं, जिनमें भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं।
जन्म और परिवार
अरुण का जन्म भारत में कर्नाटक राज्य के मैसूर में सन् 1983 को हुआ था।
इनके पिता का नाम योगीराज शिल्प और दादा का नाम बसबन्ना शिल्पी है। इनके पिता और दादा दोनों भी प्रसिद्ध मूर्तिकार थे।
अरुण योगीराज का परिवार मूर्तिकला के क्षेत्र में पांच पीढ़ियों से मूर्तिकला के क्षेत्र में कार्यरत और प्रसिद्ध है।
इन्होने ने टीटीएल कॉलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट, मैसूर से एमबीए किया है।
अरूण योगीराज का एक भाई और एक बहन है, इनके भाई का नाम सूर्यप्रकाश है, और वो भी एक प्रसिद्ध मूर्तिकार हैं, और अरूण के साथ मैसूर में ही रहते हैं।
अरुण योगीराज का विवाह विजेता मोहन से हुआ है, इनकी एक 7 वर्ष की बेटी और एक बेटा है।
अरुण योगीराज(Arun Yogiraj) ने बनाई है श्री रामलला की प्रतिमा
हाल ही में, अरुण योगीराज ने श्री रामजन्मभूमि मन्दिर, अयोध्या के लिए श्री रामलला की बाल स्वरूप मूर्ति बनाकर सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया और सभी में चर्चा का विषय बने।
अरुण योगीराज ने भगवान राम की बाल स्वरूप प्रतिमा बहुत ही आलौकिक, अद्वितीय और अद्भुत बनाई है।
जिसे देखकर ऐसा लगाता है कि मानो भगवान राम अपने बाल स्वरूप में जीवंत आपके सामने खड़े होकर मुस्कुरा रहे हैं।
श्री रामलला प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अरुण योगीराज अपने आप को Most Luckiest Man मानते हैं, और लोगों ने भी उन्हे Most Luckiest Person on Earth कहा है।
अरुण योगीराज(Arun Yogiraj) की अन्य प्रसिद्ध मूर्तियां
अरुण योगीराज(Arun Yogiraj) ने श्री रामलला मूर्ति के पहले भी कई अन्य प्रसिद्ध मूर्तियां बनाई हैं, जिनमें निम्नलिखित प्रतिमाएं शामिल हैं:-
- नई दिल्ली में इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति के पास और इंडिया गेट के सामने लगी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मूर्ति।
- केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की मूर्ति।
- मैसूर में 21 फीट ऊंची हनुमान जी की मूर्ति।
- मैसूर में 15 फीट ऊंची संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति।
- मैसूर में स्वामी रामकृष्ण परमहंस की सफेद अमृतशिला प्रतिमा।
- नंदी की 6 फीट ऊंची अखंड मूर्ति।
- बनशंकरी देवी की 6 फीट ऊंची मूर्ति।
- मैसूर के राजा जयचामाराजेंद्र वोडेयार की 14.5 फीट ऊंची सफेद अमृतशिला प्रतिमा।
मूर्तिकार बनने से पहले करते थे प्राइवेट नौकरी
वैसे तो अरुण योगीराज का परिवार 5 पीढ़ियों से मूर्तिकला के क्षेत्र में प्रसिद्ध है।
लेकिन अरुण योगीराज मूर्तिकार बनने से पहले एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते थे।
अपना एमबीए पूरा करने के बाद वे एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने लगे, लेकिन 2008 में अरुण अपनी नौकरी छोड़कर वापस मूर्ति नक्काशी में आ गए और आज अरूण योगीराज का नाम मूर्तिकला के क्षेत्र में विश्व प्रसिद्ध है।
पुरस्कार और मान्यताएँ
मूर्तिकला से अरुण योगीराज को बहुत सारे पुरुस्कार, सम्मान और मान्यताएं मिली हैं, जो निम्नलिखित हैं:
1) संयुक्त राष्ट्र संगठन के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान ने अरुण योगीराज की कार्यशाला का दौरा किया और व्यक्तिगत सराहना भी की।
2) मैसूर जिला प्रशासन द्वारा नलवाड़ी पुरस्कार 2020।
3) कर्नाटक शिल्प परिषद द्वारा मानद सदस्यता 2021।
4) अरुण योगीराज को 2014 में भारत सरकार द्वारा साउथ जोन यंग टैलेंटेड आर्टिस्ट अवार्ड दिया गया।
5) मूर्तिकार संघ द्वारा शिल्पा कौस्तुभा।
6) मैसूरु जिला प्राधिकरण द्वारा राज्योत्सव पुरस्कार मिला है।
7) कर्नाटक राज्य के माननीय मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किए गए।
8) अरुण को मैसूरु जिले की खेल अकादमी द्वारा सम्मानित किया गया है।
9) अमरशिल्पी जकनाचार्य ट्रस्ट द्वारा सम्मानित किए गए।
10) अरुण योगीराज ने राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के मूर्तिकला के शिविरों में भाग लिया है।
इनके आलावा भी अरुण योगीराज(Arun Yogiraj) को बहुत सारे पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
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