हिंदू पंचाग के मुताबिक, हर वर्ष कार्तिक माह के चतुर्दशी तिथि के दिन छोटी दीपावली (Choti Diwali 2023) का पर्व मनाया जाता है। छोटी दीपावली को नरक चतुर्दशी भी कहते हैं।
नरक चतुर्दशी क्यों मनाते हैं ?
मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नाम के राक्षस का वध किया था।
नरकासुर के बंदी गृह में 16 हज़ार से ज़्यादा महिलाएं कैद थीं, जिन्हें भगवान श्री कृष्ण ने रिहा करवाया था।
तब से छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के तौर पर मनाया जाता है।
इसी वजह से कई जगहों पर छोटी दीपावली के दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने का विधान है ।
नरक चतुर्दशी कब है? (Choti Diwali Timing)
नरक चतुर्दशी समय – 11 नवंबर को 1 बजकर 59 मिनट से ।
तिथि का समापन -12 नवंबर को दोपहर के 2 बजकर 45 मिनट तक ।
यमराज के नाम का जलाते हैं दीया ।
नरक चतुर्दशी (छोटी दीपावली) के दिन यमराज के नाम से दीया जलाया जाता है। इस दीए को दक्षिण दिशा में रखा जाता है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यम के नाम का यह दीपक जलाने से अकाल मृत्यु का भय खत्म हो होता है ।
छोटी दीपावली पूजा:
- छोटी दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा नहीं होती है। इस दिन श्री कृष्ण भगवान, मां काली और यमराज जी की पूजा की जाती है।
- छोटी दिवाली के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और कृष्ण भगवान, मां काली के मंत्रों का जाप करें।
- इस दिन श्री कृष्ण भगवान और मां काली को पंचमेवे की खीर भी अर्पित की जाती, फिर श्री कृष्ण और मां काली की आरती की जाती है।
- अंत में भोग को प्रसाद के रूप में वितरित और ग्रहण करें।
- शाम के समय यमराज जी के लिए दीप जलाएं और घर के 5 कोनों में यह 5 दीपक रखें।
छोटी दिवाली और नरक चतुर्दशी शुभकामनाएं (Choti Diwali and Narak Chaturdashi Wishes):
नरक चतुर्दशी एवं छोटी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
छोटी दीपावली के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं ।
प्रिय पाठकों! हमें आशा है कि छोटी दिवाली और नरक चतुर्दशी (Choti Diwali 2023 and Narak Chaturdashi 2023) से सम्बन्धित ये सभी जानकारियाँ आपको पसंद आई होंगी। तो अपने परिवार और सम्बन्धियों के साथ छोटी दिवाली की शुभकामनाओं के साथ साथ ये सभी जानकारी भी शेयर करें।
Share this article with your Friends and Family by using social media like Facebook, Instagram, WhasApp, X, Sharechat etc.